गायिका शारदा(मृत्यु)
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पूरा नाम शारदा राजन आयंगर
प्रसिद्ध नाम शारदा
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पूरा नाम शारदा राजन आयंगर
प्रसिद्ध नाम शारदा
🎂जन्म की तारीख और समय: 25 अक्तूबर 1933, मद्रास प्रैज़िडन्सी
⚰️मृत्यु की जगह और तारीख: 14 जून 2023
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिंदी सिनेमा
प्रसिद्धि सिने पार्श्वगायिका
नागरिकता भारतीय
सक्रियता 1960-1970
अन्य जानकारी सन 1969 से लेकर 1972 तक फिल्मफेयर पुरस्कारों में उन्हें चार नामांकन प्राप्त हुए थे। शारदा को सर्वाधिक रूप से फ़िल्म 'सूरज' (1966) के गीत 'तितली उड़ी, उड़के चली" के लिये पहचाना जाता है
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अन्य जानकारी सन 1969 से लेकर 1972 तक फिल्मफेयर पुरस्कारों में उन्हें चार नामांकन प्राप्त हुए थे। शारदा को सर्वाधिक रूप से फ़िल्म 'सूरज' (1966) के गीत 'तितली उड़ी, उड़के चली" के लिये पहचाना जाता है। जन्म- 25 अक्टूबर, 1937) हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध पार्श्वगायिका रही हैं। सन 1960 और 1970 के दशक में वह सक्रिय रहीं। सन 1969 से लेकर 1972 तक फिल्मफेयर पुरस्कारों में उन्हें चार नामांकन प्राप्त हुए थे। शारदा को सर्वाधिक रूप से फ़िल्म 'सूरज' (1966) के गीत 'तितली उड़ी, उड़के चली" के लिये पहचाना जाता है। इस गीत से ही उन्हें घर-घर में पहचान मिली।
परिचय
शारदा का जन्म हुआ 25 अक्टूबर, 1937 को तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। बचपन में इनके घर में एक रेडियो तक नहीं था। लेकिन तब भी संगीत के प्रति इनका ऐसा रुझान आश्चर्यचकित करता है। शारदा राजन आयंगर जी जब घर के बाहर निकलती रेडियो पर बजने वाले गानों को बड़े ध्यान से सुना करती थीं। वहीं से इनके मन में संगीत के प्रति गहरा प्रेम उत्पन्न हुआ। जो गाना वह बाहर से सुन कर आती उन्हीं गानों को अक्सर यह अपने घर में गुनगुनाया करती थी। यूँ तो वो तमिल से ताल्लुक रखती थीं पर उन्हें हिंदी गानों के प्रति ख़ास आकर्षण रहा।
गायन शुरुआत
एक दिन उनकी मां ने नहाते हुए शारदा राजन आयंगर को गाते हुए सुना तो वह हैरान हो गयीं। उन्होंने सोचा क्यों ना इसे संगीत की शिक्षा दिलाई जाए। बाद में उन्होंने अपने परिवार की आज्ञा से कर्नाटक संगीत की ट्रेनिंग ली। धीरे-धीरे उन्हें अपनी सुरीली आवाज से ख्याति मिलने लगी। गाना 'सुन सुन रे पवन दिल तुझको पुकारे'। अब पब्लिक प्लेटफॉर्म पर इनको गाने का काफी मौका मिलने लगा। अब एक ऐसा दिन भी आया जिसने इनकी किस्मत पलट कर रख दी। ईरान में एक संगीत समारोह में राज कपूर ने इन्हें गाते हुए सुना। हालांकि साउथ इंडियन होने की वजह से शारदा राजन आयंगर का हिंदी उच्चारण उतना अच्छा तो नहीं था। लेकिन तब भी राज कपूर साहब इनकी आवाज से काफी प्रभावित हुए। राज कपूर ने इनसे कहा आप अच्छा गाती हैं। आपको मुंबई आकर फिल्मों में ट्राई करना चाहिए।
मुम्बई आगमन
कुछ समय बाद शारदा जब मुंबई पहुंची तो यह जानकर खुशी का ठिकाना ना रहा कि राज कपूर उन्हें याद रखे हुए थे। राज कपूर ने उन्हें झट से पहचान लिया। उसके बाद उन्होंने शारदा से एक गीत गवाया जो सबको बहुत पसंद आया। शंकर जयकिशन की जोड़ी के शंकर ने शारदा राजन आयंगर के शोख़ और कमसिन आवाज का इस्तेमाल अपनी संगीत में एक अलग सेठ देने के लिए करने का मन बना लिया। शंकर जयकिशन ने इन्हें संगीत की बारीकियां सिखाने के लिए बकायदा ट्रेनिंग दिलाई। फिर वह दिन भी आया जब शंकर जयकिशन ने फिल्म 'सूरज' के लिए दो गीत गवाए “तितली उड़ी” और “देखो मेरा मन मचल गया“। जिसने भी यह गीत सुने वह शारदा के गीतों पर फिदा हो गया। लोगों ने इस गीत को काफी ज्यादा पसंद किया। उनका यह गाना आज भी लोगों को पसंद है। लेकिन यह इत्तेफाक था कि 'सूरज' से पहले मनोज कुमार और नंदा स्टारर फिल्म 'गुमनाम' रिलीज हो गई। इसमें शारदा राजन आयंगर का मोहम्मद रफी के साथ गाया गीत ‘जाने चमन शोला बदन पहलू में आ जाओ‘ भी शामिल था। लेकिन सूरज के गाने 'किस औरत ने शोहरत' ने शारदा को रातों-रात स्टार बना दिया।
पुरस्कार व सम्मान
उस साल के फिल्म फेयर अवार्ड के लिए 'तितली उड़ी' और और मोहम्मद रफ़ी के गाए गीत 'बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है' दोनों गानों को बराबर वोट मिले। उन दिनों प्लेबैक सिंगर की कैटेगरी में पुरुष और महिला की आवाजों के लिए एक ही अवार्ड होता था। उस साल का अवार्ड मोहम्मद रफ़ी साहब को मिला था। लेकिन शारदा को भी एक स्पेशल अवार्ड दिया गया। इसके साथ ही शारदा जी ने इतिहास रच दिया। अब तक जो नहीं हुआ था वो हुआ। अगले साल से फिल्म फेयर ने पुरुष और महिला गायकों के लिए अलग-अलग अवार्ड देना शुरू किया। इनके गाये गानों को लगातार 4 वर्षों तक फिल्मफेयर अवार्ड्स में नामांकित किया गया। फ़िल्म ‘जहां प्यार मिले’ के गीत ‘बात जरा है आपस की…’ के लिए फिल्मफेयर अवाॅर्ड अपने नाम किया।
आलोचना
सन 1967 में शंकर जयकिशन के संगीत से सजी फिल्म आई ‘अराउंड द वर्ल्ड‘। इस फिल्म में शारदा राजन आयंगर के आवाज के जादू ने फिर कमाल कर दिया। गाना 'चले जाना जरा ठहरो किसी का दम निकलता है ये मंजर देखते जाना'। शारदा के गाए गीतों की तारीफ तो हुई, मगर उनकी आवाज की काफी आलोचना भी होने लगी। कहा गया कि शारदा की आवाज बेकार, इतनी अच्छी नहीं है। लेकिन शंकर ने किसी की बातों पर ज़रा भी ध्यान नहीं दिया। उन्हें शारदा की काबिलियत पर पूरा भरोसा था। वह लगातार शारदा को मौके देते जा रहे थे। अंततः उनके भरोसे ने रंग दिखाया और जिस दौर में लता मंगेशकर, आशा भोंसले और सुमन कल्याणपुर ज्यादातर हीरोइनों के लिए गाने गा रही थीं। उसी दौर की फिल्म 'जहां प्यार मिले’ के गीत 'बात जरा है आपस की…’ के लिए फिल्मफेयर अवाॅर्ड अपने नाम किया।
नया अवतार
अब शारदा रुकने वाली नहीं थीं। अतः उन्होंने नया अवतार ले लिया और खुद को संगीतकार के रूप में गिनना शुरू किया। उन दिनों निजी गीतों का बाजार अस्तित्व में नहीं आया था। फिल्मी गीतों के अलावा या तो भजन गीत जारी किये जाते थे या फिर ग़ज़ल या क़व्वाली गीत जारी किये जाते थे। शारदा ने खुद के आठ गीत तैयार किए, जिसे एचएमवी ने जारी किया। शारदा राजन आयंगर का यह नया प्रयोग प्रचलित जरूर हुआ लेकिन उन्हें उतनी शोहरत नहीं मिली। शायद तब भारत में पॉप गानों के लिए माहौल नहीं बन पाया था। कहा जाये तो ये समय से आगे की गाने को प्रस्तुत कर रहीं थी। शायद इसलिए यह प्रयोग इतना सफल नहीं हुआ। ये उनकी दूरदर्शिता का एक प्रमाण है।
संगीत से किनारा
बावजूद इसके शारदा हालात का बहादुरी से मुकाबला कर रही थीं। पर नीति को कुछ और मंजूर था। शारदा राजन आयंगर के लिए साल 1987 बेहद ही मनहूस खबर लेकर आया। फिल्मी दुनिया में उनका 'गॉड फादर' उनका इकलौता सहारा यानी शंकर दुनिया को छोड़ चले गए। अब तक किसी और संगीतकार से कुछ ख़ास काम न मिल पाना था, शायद आगे किसी और संगीतकार से काम न मिल पाने का उनके मन का विचार। शारदा को यकीन होने लगा कि उन्हें गाना गाने के लिए मौके शायद नहीं मिल पाएंगे और फिल्म जगत से, फिल्म संगीत से किनारा कर लिया।
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🎧शारदा राजन अयंगर द्वारा गाए गए गीत -
● तू मेरी माई तेरा... तू मेरी मैं तेरा (1980) किशोर कुमार, शारदा द्वारा
● चली आ दिल तुझको... मंदिर मस्जिद (1977) किशोर कुमार, शारदा द्वारा
● रुठोगे मन लुंगी... ज़माने से पूछो (1976) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● देखो देखो.... ज़माने से पूछो (1976) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● ऐ इश्क कहिन... ज़माने से पूछो (1976) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● सूर्यमुखी है...तू मेरी मैं तेरा (1980) किशोर कुमार, शारदा द्वारा
● काहा पे नज़र है...तू मेरी मैं तेरा (1980) शारदा राजन द्वारा अयंगर
● जिगर का दर्द बढ़ता... स्ट्रीट सिंगर (1966) मोहम्मद रफ़ी, शारदा द्वारा
● पतली कमर तिरछी नज़र... चोरों का चोर (1970) महेंद्र कपूर, शारदा द्वारा
● फूलो सा महका हुआ... रिवाज (1972) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● आपके पीछे पड़ गई मैं... एक नारी एक ब्रह्मचारी (1971) शारदा द्वारा
● कभी खिली... गरीबी हटाओ (1973) मोहम्मद रफ़ी, शारदा द्वारा
● हम जिनपे फिदा... पापी पेट का सवाल है (1984) अनुराधा पौडवाल, शारदा द्वारा
● होटल में बोतल... पापी पेट का सवाल है (1984) शारदा द्वारा
● भटकती है जवान नज़रे... मेरा नाम जोहार (1968) शारदा द्वारा
● ये महफ़िल ये मीना ये पैमाने... शिमला रोड (1969) शारदा द्वारा
● धीरे-धीरे मेरे दिल के पास... द गोल्ड मेडल (1984) शारदा द्वारा
● ऐसा ना करो... दूर नहीं मंजिल (1973) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● कभी खिली दिल की कली... गरीबी हटाओ (1973) किशोर कुमार, शारदा द्वारा
● किसी के दिल को सनम... कल आज और कल (1971) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● ऐ दिल करूं मैं क्या... भाई बहन (1969) शारदा द्वारा
● हुस्ने ईरान... इंटरनेशनल क्रुक (1974) शारदा द्वारा
● मस्ती और जवानी... दिल दौलत दुनिया (1972) आशा भोंसले, किशोर कुमार द्वारा, शारदा
● बड़कम्मा एक्कड़ पोटो रा... शतरंज (1969) मोहम्मद रफी द्वारा, शारदा
● कैसी पड़ी मार... वचन (1974) किशोर कुमार, कृष्णा कल्ले, मोहम्मद द्वारा। रफ़ी, शारदा
● दिल का गुलदस्ता... वचन (1974) किशोर कुमार द्वारा, शारदा
● मन के पंछी... नैना (1973) शारदा द्वारा
● जाने मुझे तूने ये क्या... नैना (1973) शारदा द्वारा
● अलबेले सनम तू लाया... नैना (1973) शारदा द्वारा
● हे कहा चला रे... हरे कांच की चूड़ियां (1967) शारदा द्वारा
● खुशी के रंग में... हरे कांच की चूड़ियां (1967) शारदा द्वारा
● ले जा दिल है तेरा... हरे कांच की चूड़ियां (1967) शारदा द्वारा
● दुनिया इसी का नाम है... दुनिया (1968) मुकेश और शारदा द्वारा
● मेरा नाम है फ्लोरी... प्यार का रिश्ता (1973) आशा भोसले, शारदा द्वारा
● जब भी ये दिल उदास होता है... सीमा (1971) मोहम्मद रफी, शारदा द्वारा
● जरीना मेरा नाम... एलान (1971) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● आठ में आठ को..
● शारदा राजन अयंगर द्वारा एलान (1971)
● आपकी राहें... एलान (1971) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● तुमको सनम पुकार के... दीवाना (1968) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● जाने अंजाने यहां सभी हैं... जाने अंजाने। (1971) शारदा द्वारा
● तेरे अंग का रंग... चंदा और बिजली (1969) शारदा द्वारा
● तेरे सिवा कौन है... प्यार मोहब्बत (1966) शारदा द्वारा
● हेलो हेलो सन सन... प्यार मोहब्बत (1966) मोहम्मद रफ़ी, शारदा द्वारा
● लेजा लेजा मेरा दिल... एन इवनिंग इन पेरिस (1967) शारदा द्वारा
● ये मुंग और मसूर... अराउंड द मुबारक बेगम, शारदा द्वारा वर्ल्ड (1967)
● जाने भी दे सनम मुझे... अराउंड द वर्ल्ड (1967) शारदा द्वारा
● चले जाना जरा ठहरो... अराउंड द वर्ल्ड (1967) मुकेश और शारदा द्वारा ● दुनिया की सैर कर लो ... अराउंड द वर्ल्ड (1967) मुकेश और शारदा द्वारा ● वो परी कहां से लाऊं... पहचान (1970) मुकेश शारदा द्वारा, सुमन कल्याणपुर
● मार दूंगी चक्कू... सपनों का सौदागर (1968) शारदा द्वारा
● तुम प्यार से देखो... सपनों का सौदागर (1968) मुकेश और शारदा द्वारा
● बात जरा है आपस की... जहां प्यार मिले (1969) शारदा द्वारा
● जान ए चमन शोला बदन... गुमनाम (1965) मोहम्मद द्वारा रफ़ी, शारदा
● देखो मेरा दिल मचल गया... सूरज (1966) शारदा राजन अयंगर द्वारा
● तितली उड़ी उड़ जो चली... सूरज (1966) शारदा राजन अयंगर द्वारा,
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