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Showing posts with the label 22 जून

थामस बीच आल्टर

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#22jun #29sep  थॉमस बीच ऑल्टर   🎂जन्म22 जून, 1950 जन्म भूमिमसूरी, उत्तराखंड ⚰️मृत्यु29 सितम्बर, 2017 मृत्यु स्थानमुम्बई, महाराष्ट्रकर्म  भूमिमुम्बईकर्म-क्षेत्रअभिनेतामुख्य फ़िल्में'शंतरज के खिलाड़ी', 'राम तेरी गंगा मैली', 'क्रांति, चरस', आशिक़ी, 'वीर जारा'।पुरस्कार-उपाधि'पद्म श्री' (2008)प्रसिद्धिचरित्र अभिनेतानागरिकताभारतीयअन्य जानकारीटॉम अल्टर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया। 2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज़ अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया। परिचय टॉम अल्टर का जन्म 22 ज...

अमरीश पूरी (जनम)

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अमरीश पुरी  🎂22 जून 1932 ⚰️12 जनवरी 2005 चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे है। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ में बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया फ़िल्म मिस्टर इंडिया के एक संवाद "मोगैम्बो खुश हुआ" किसी व्यक्ति का खल...

श्री राम राघवन

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#22jun  श्रीराम राघवन एक भारतीय फिल्म निर्देशक और लेखक हैं। यह बदलापुर जैसी फिल्में बना चुके हैं। 🎂जन्म की तारीख और समय: 22 जून 1963मुम्बई भाई: श्रीधर राघवन कार्यक्रम: सीआईडी नामांकन: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, ज़्यादा इनाम: राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म - हिंदी, ज़्यादा शिक्षा: फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, राघवन ने एक हसीना थी (2004) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की । इसके बाद उन्होंने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित जॉनी गद्दार (2007) का निर्देशन किया, जो 1962 के फ्रांसीसी उपन्यास लेस मिस्टीफिएस एलेन रेनॉड-फोरटन का एक रूपांतरण था; इसके बाद सैफ अली खान अभिनीत एक्शन स्पाई फिल्म एजेंट विनोद (2012) ; एक महत्वपूर्ण और व्यावसायिक विफलता। राघवन के फॉलोअप बदलापुर (2015), मैसिमो कार्लोटो द्वारा डेथ्स डार्क एबिस पर आधारित फिल्म को सकारात्मक समीक्षा मिली और यह बॉक्स ऑफिस पर एक मध्यम व्यावसायिक सफलता थी। अंधाधुन (2018) के साथ राघवन की प्रमुखता बढ़ गई, जो एक अंधे पियानो वादक की कहानी कहता है जो अनजाने में एक सेवानिवृत्त अभिनेता की ह...

टॉम अल्टर

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#22jun  #29sep  टॉम अल्टर 🎂जन्म22 जून, 1950जन्म भूमिमसूरी, उत्तराखंड ⚰️मृत्यु29 सितम्बर, 2017मृत्यु स्थानमुम्बई, महाराष्ट्रकर्म  भूमिमुम्बईकर्म-क्षेत्रअभिनेतामुख्य फ़िल्में'शंतरज के खिलाड़ी', 'राम तेरी गंगा मैली', 'क्रांति, चरस', आशिक़ी, 'वीर जारा'।पुरस्कार-उपाधि'पद्म श्री' (2008)प्रसिद्धिचरित्र अभिनेतानागरिकताभारतीयअन्य जानकारीटॉम अल्टर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे। 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे, तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया था। उन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया। 2008 में भारत सरकार द्वारा टॉम अल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फ़िल्मों में काम किया, लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज़ अफसरों या विदेशी चरित्र का रोल मिला। कई लोगों के लिए वह खलनायक के तौर पर सिर्फ अंग्रेज़ अफसर ही साबित हुए। हिंदी फ़िल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फ़िल्मों ने भी टॉम अल्टर को अंग्रेज़ करेक्टर के लिए ही काम दिया। परिचय टॉम अल्टर का जन्म ...

वी बलसारा

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#22jun #24march  लगभग भुला दिये गये गुमनाम संगीतकाऱ वी बलसारा के  जन्मदिन पर हार्दिक श्रद्धांजलि 🎂जन्म 22 जून ⚰️मृत्यु 24मार्च वी बलसारा, जो वाद्य आर्केस्ट्रा के जादूगर थे, ने अपने कैरियर के दौरान 32 बंगाली फिल्मों और 12 हिंदी फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया था उन्होंने 200 से  अधिक एल्बम रिलीज किये हैं उन्हें पियानो, यूनीवॉक्स और मेलोडिका सहित संगीत वाद्ययंत्र में महारत हासिल थी संगीत की दुनिया में वी बलसारा के नाम से मशहूर विस्टास अर्देशिर बलसारा का जन्म 22 जून, 1922 को बॉम्बे में एक गुजराती भाषी पारसी  परिवार में हुआ था।  बचपन से ही उनका झुकाव पश्चिमी संगीत की ओर था। उनके फिल्मी संगीत कैरियर की शुरुआत हिंदी फिल्म बादल (1942) से हुई, जिसमें उन्होंने संगीत निर्देशक उस्ताद मुस्ताक हुसैन की सहायता की।  बाद में उन्होंने मास्टर गुलाम हैदर, और खेमचंद प्रकाश की सहायता की।  उनकी पहली स्वतंत्र असाइनमेंट फिल्म सर्कस गर्ल (1943) थी जिसमें उन्होंने एक अन्य संगीत निर्देशक वसंत कुमार नायडू के साथ संगीत की रचना की थी।  कुल मिलाकर, वह लगभग एक दर्जन...