विद्यानाथ सेठ
#02jun #18jun #29feb पुराने जमाने के संगीतकार गायक विद्यानाथ सेठ की 🎂जन्म दिन विवादास्पद 02 जून 1915 या 29 फरवरी 1916 मृत्यु⚰️18 जून उनके पासपोर्ट के अनुसार 2 जून 1915 में मगर घर वालो के कथनानुसार 29 फरवरी 1916 को लाहौर में जन्मे और बड़े हुए विद्यानाथ सेठ का नाम आज की पीढ़ी के लिए शायद अजनबी हो मगर पिछली सदी के छठे दशक तक उनकी आवाज़ रेडियो और ग्रामोफोन रिकार्डों के जरिये घर-घर में गूंजती थी। खासकर उनके गाये भजन तो पुरानी पीढ़ी के लोगों की जुबान पर आज भी हैं। "मन फूला फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे", "सुन लीजो प्रभु मोरी" , "मैं गिरधर के गुण गाऊं" या ‘चदरिया झीनी रे झीनी’जैसे भजन उनकी आवाज़ में जब कभी सुनने में आते हैं तो उस पीढ़ी के लोग साथ में गुनगुनाते हुए यादों के गलियारों में खो जाते हैं। रेडियो और ग्रामोफोन रिकार्डों के उस सुनहरी दौर के इस सहज और सरल गायक ने अपने गायन को कभी व्यावसाय नहीं बनाया भले ही वे रेडियो पर गाते रहे, एचएमवी के लिए गाते रहे और संगीत सभाओं में गाने के ...