फ़ारूख केसर
#06jun
#10nov
फारुख़ कैसर
🎂06 जून 1918
⚰️10 नवंबर 1987
एक उर्दू कवि और भारत के एक प्रसिद्ध गीतकार थे, जिन्होंने बॉलीवुड फिल्मों की कई सफल गीत लिखे वह 1950 से 1980 के दशक के दौरान भारतीय सिनेमा में गीत संगीत के प्रसिद्ध नाम थे उन्होंने 115 से अधिक फिल्मों में 390 से अधिक गानों को लिखा
फारुक कैसर का जन्म 1918 में एक ज्वेलर के परिवार में हुआ था। वह 12 बच्चों में दूसरे नंबर पर थे बॉम्बे (वर्तमान मुंबई) उनकी शिक्षित दीक्षा हुयी फारुक के पास एक जिज्ञासु मन था और यहां तक कि एक बच्चे के रूप में उन्हें किताबे अखबार पढ़ने में गहरी रुचि थी और बाद में वायरलेस में भी उनकी रुचि काफी बढ़ गयी 18 वर्ष की आयु में फारुक की माँ की मृत्यु हो गई; माँ की मृत्यु के तुरंत बाद उन्होंने अपने घर परिवार को छोड़ दिया और एक दोस्त के यहाँ रहने लगे यहां, उन्होंने अपना समय कविता, साहित्य, शैक्षिक पुस्तकों, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं को पढ़ने में समर्पित कर दिया
वह अपनी मूल भाषा उर्दू के अलावा कई भाषाएं सीखी
फ़ारूख का कविता प्रेम
फारुक का कविता के प्रति प्रेम और पड़ोसी कामरान खान (फराह खान और साजिद खान के पिता ) के साथ उनकी दोस्ती हिंदी सिनेमा के रचनात्मक कार्यों के प्रति उत्साह विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब कामरान खान ने फिल्मों में काम किया और अभिनय किया, तब फारुक को एक सहायक निर्देशक के रूप में बॉलीवुड में में पेश किया गया फारूख कैसर विशेषज्ञता अक्सर संवादों और दृश्यों को संशोधित करते थे वह तब तक कई फिल्मों का निर्देशन करते रहे जब तक उन्हें गीतकार के रूप में प्रसिद्धि नही मिली
फिल्म उद्योग में उनके कई दोस्त थे फारुक अभिनेता कमल मोहन के बहुत अच्छे दोस्त थे, जो छह बेटों और एक बेटी के पिता थे। कमल मोहन ने अपनी बेटी आयशा का हाथ अपने प्रिय मित्र और विश्वासपात्र फारुक को देने का प्रस्ताव रखा, जिसको फ़ारूख़ कैसर ने तुरंत स्वीकार कर लिया
अपने प्रेमालाप के दौरान, उन्होंने फिल्म अजी बस शुक्रीया (1958) के लिए सारी सारी रात तेरी याद सताए के गीत लिखा जबकि वह एक साल से तपेदिक से ग्रस्त थे और अस्पताल में भर्ती थे। 1959 में अस्पताल से छुट्टी के तुरंत बाद, उन्होंने आयशा से शादी कर ली और बांद्रा चले गए। फारुक का कैरियर परवान चढ़ चुका था और उनके गीत को पूरे भारत मे पसंद किया जाने लगा अपनी कई यात्राओं के इसी दौरान उन्होंने फिल्म पारसमणि (1963) के लिए उई मां उई मां ये क्या हो गया गीत लिखा जो काफी लोकप्रिय हुआ
फारुक और आयशा के तीन बच्चे थे- एक बेटा, शकील (1960) और दो बेटियाँ - बिलकिस (1962 -2003) और तबस्सुम (1963-1983) थी
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