असद भोपाली
#10july
#09jun
असद भोपाली
🎂10 जुलाई 1921,
भोपाल
⚰️ 09 जून 1990,
मुम्बई
माता-पिता: मुंशी अहमद खान
इनाम: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ गीतकार
हिंदी सिनेमा के गीतकार और शायर थे। उन्हें ऐसे गीतकार में शुमार किया जाता है, जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में 40 साल तक का लंबा संघर्ष किया। उन्हें फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।
जीवन_परिचय
असद भोपाली का जन्म 10 जुलाई, 1921 को भोपाल के इतवारा इलाके में पैदा हुए थे। उनका वास्तविक नाम असदुल्लाह ख़ान था। उनके पिता मुंशी अहमद खाँ भोपाल के आदरणीय व्यक्तियों में शुमार थे। वे एक शिक्षक थे और बच्चों को अरबी-फारसी पढ़ाया करते थे। पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा भी उनके शिष्यों में से एक थे। वो घर में ही बच्चों को पढ़ाया करते थे, इसीलिए असद भी अरबी-फारसी के साथ-साथ उर्दू में भी महारत हासिल कर पाए, जो उनकी शायरी और गीतों में हमेशा झलकती रही।
1940 के अंतिम दौर में मशहूर फ़िल्म निर्माता फजली ब्रदर्स 'दुनिया' नामक फ़िल्म बना रहे थे। फ़िल्म के गीत मशहूर शायर आरजू लखनवी लिख रहे थे, लेकिन दो गीत लिखने के बाद वे पाकिस्तान चले गए। बाद में एस. एच. बिहारी, सरस्वती कुमार दीपक और तालिब इलाहाबादी ने भी उसके गीत लिखे। मगर, फजली बंधु और निदेशक एस. एफ. हसनैन लगातार नए गीतकार की तलाश कर रहे थे। इसी मकसद से उन्होंने 5 मई, 1949 को भोपाल टॉकिज में मुशायरे का आयोजन किया। असद भोपाली ने भी उसमें भाग लिया और अपने कलाम से महफिल लूट ली साथ ही फजली बंधुओं का दिल भी। फिर क्या था, अगले दिन भोपाल-भारत टॉकिज के मैनेजर सैयद मिस्बाउद्दीन साहब के जरिए असद को पांच सौ रुपए का एडवांस देकर फ़िल्म 'दुनिया' के लिए बतौर गीतकार साइन कर लिया गया।
लोकप्रिय_गीत
दिल दीवाना बिन सजना के माने ना- मैंने प्यार किया
कबूतर जा जा जा- मैंने प्यार किया
हम तुम से जुदा होकर- एक सपेरा एक लुटेरा
दिल का सूना साज़- एक नारी दो रूप
निधन
1990 में असद को उनके द्वारा फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार दिया गया, हालांकि, तब तक वह पक्षाघात होने से अपाहिज हो गये थे और वह उसे लेने नहीं जा सके। 09 जून, 1990 को मुम्बई में उनका निधन हो गया।
🎥
सुपरमैन (1993)
रणभूमि (1991)
पुलिस पब्लिक (1990)
मैंने प्यार किया (1989)
लड़ाकु (1981)
बिन फेरे हम तेरे (1979)
दादा (1979)
मेरी बीवी की शादी (1979)
सोने के दिल लोहे का हाथ (1978)
बदनाम (1976)
दो खिलाड़ी (1976)
गुमराह (1976)
मजदूर जिंदाबाद (1976)
प्लेबॉय (1976)
वंदना (1975)
हम सब चोर हैं (1973)
निर्दोष (1973)
प्यार दीवाना (1972)
एक पहेली (1971)
एक नन्हीं मुन्नी लड़की थी (1970)
इल्ज़ाम (1970)
सस्ता महंगा प्यार (1970)
आग (1967)
छैला बाबू (1967)
जोहर इन बॉम्बे (1967)
इंसाफ़ (1966)
मैं वही हूँ (1966)
नाग मंदिर (1966)
शेरा डाकू (1966)
तस्कर (1966)
बॉक्सर (1965)
एक सपेरा एक लुटेरा (1965)
हम सब उस्ताद हैं (1965)
लुटेरा (1965)
श्रीमान फंटूश (1965)
आया तूफ़ान (1964)
ख़ुश नसीब (1964)
मिस्टर एक्स इन बॉम्बे (1964)
कहीं प्यार ना हो जाए (1963)
मायाल महल (1963)
पारसमणि (1963)
उस्तादों के उस्ताद (1963)
गर्ल्स हॉस्टल (1962)
प्यार का सागर (1961)
रजिया सुल्तान (1961)
तू नहीं और सही (1960)
ज़ारा बच्चे (1959)
ट्रॉली ड्राइवर (1958)
इंसाफ़ (1956)
राजधानी (1956)
मोती महल (1952)
अफ़साना (1951)
आधी रात (1950)
दुनिया (1949)
🎂10 जुलाई 1921,
भोपाल
⚰️ 09 जून 1990,
मुम्बई
माता-पिता: मुंशी अहमद खान
इनाम: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ गीतकार
हिंदी सिनेमा के गीतकार और शायर थे। उन्हें ऐसे गीतकार में शुमार किया जाता है, जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में 40 साल तक का लंबा संघर्ष किया। उन्हें फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।
जीवन_परिचय
असद भोपाली का जन्म 10 जुलाई, 1921 को भोपाल के इतवारा इलाके में पैदा हुए थे। उनका वास्तविक नाम असदुल्लाह ख़ान था। उनके पिता मुंशी अहमद खाँ भोपाल के आदरणीय व्यक्तियों में शुमार थे। वे एक शिक्षक थे और बच्चों को अरबी-फारसी पढ़ाया करते थे। पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा भी उनके शिष्यों में से एक थे। वो घर में ही बच्चों को पढ़ाया करते थे, इसीलिए असद भी अरबी-फारसी के साथ-साथ उर्दू में भी महारत हासिल कर पाए, जो उनकी शायरी और गीतों में हमेशा झलकती रही।
1940 के अंतिम दौर में मशहूर फ़िल्म निर्माता फजली ब्रदर्स 'दुनिया' नामक फ़िल्म बना रहे थे। फ़िल्म के गीत मशहूर शायर आरजू लखनवी लिख रहे थे, लेकिन दो गीत लिखने के बाद वे पाकिस्तान चले गए। बाद में एस. एच. बिहारी, सरस्वती कुमार दीपक और तालिब इलाहाबादी ने भी उसके गीत लिखे। मगर, फजली बंधु और निदेशक एस. एफ. हसनैन लगातार नए गीतकार की तलाश कर रहे थे। इसी मकसद से उन्होंने 5 मई, 1949 को भोपाल टॉकिज में मुशायरे का आयोजन किया। असद भोपाली ने भी उसमें भाग लिया और अपने कलाम से महफिल लूट ली साथ ही फजली बंधुओं का दिल भी। फिर क्या था, अगले दिन भोपाल-भारत टॉकिज के मैनेजर सैयद मिस्बाउद्दीन साहब के जरिए असद को पांच सौ रुपए का एडवांस देकर फ़िल्म 'दुनिया' के लिए बतौर गीतकार साइन कर लिया गया।
लोकप्रिय_गीत
दिल दीवाना बिन सजना के माने ना- मैंने प्यार किया
कबूतर जा जा जा- मैंने प्यार किया
हम तुम से जुदा होकर- एक सपेरा एक लुटेरा
दिल का सूना साज़- एक नारी दो रूप
निधन
1990 में असद को उनके द्वारा फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार दिया गया, हालांकि, तब तक वह पक्षाघात होने से अपाहिज हो गये थे और वह उसे लेने नहीं जा सके। 09 जून, 1990 को मुम्बई में उनका निधन हो गया।
🎥
सुपरमैन (1993)
रणभूमि (1991)
पुलिस पब्लिक (1990)
मैंने प्यार किया (1989)
लड़ाकु (1981)
बिन फेरे हम तेरे (1979)
दादा (1979)
मेरी बीवी की शादी (1979)
सोने के दिल लोहे का हाथ (1978)
बदनाम (1976)
दो खिलाड़ी (1976)
गुमराह (1976)
मजदूर जिंदाबाद (1976)
प्लेबॉय (1976)
वंदना (1975)
हम सब चोर हैं (1973)
निर्दोष (1973)
प्यार दीवाना (1972)
एक पहेली (1971)
एक नन्हीं मुन्नी लड़की थी (1970)
इल्ज़ाम (1970)
सस्ता महंगा प्यार (1970)
आग (1967)
छैला बाबू (1967)
जोहर इन बॉम्बे (1967)
इंसाफ़ (1966)
मैं वही हूँ (1966)
नाग मंदिर (1966)
शेरा डाकू (1966)
तस्कर (1966)
बॉक्सर (1965)
एक सपेरा एक लुटेरा (1965)
हम सब उस्ताद हैं (1965)
लुटेरा (1965)
श्रीमान फंटूश (1965)
आया तूफ़ान (1964)
ख़ुश नसीब (1964)
मिस्टर एक्स इन बॉम्बे (1964)
कहीं प्यार ना हो जाए (1963)
मायाल महल (1963)
पारसमणि (1963)
उस्तादों के उस्ताद (1963)
गर्ल्स हॉस्टल (1962)
प्यार का सागर (1961)
रजिया सुल्तान (1961)
तू नहीं और सही (1960)
ज़ारा बच्चे (1959)
ट्रॉली ड्राइवर (1958)
इंसाफ़ (1956)
राजधानी (1956)
मोती महल (1952)
अफ़साना (1951)
आधी रात (1950)
दुनिया (1949)
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