नूतन
#04jun
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नूतन
तारीख 04 जून 1936,
मुम्बई
मृत्यु 21 फ़रवरी 1991,
ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ट्रस्ट, मुम्बई
पति: रजनीश बहल (विवा. 1959–1991)
बच्चे: मोहनीश बहल
माता-पिता: शोभना समर्थ, कुमारसेन समर्थ
पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
1956 सीमा
1960 सुजाता
1964 बंदिनी
1968 मिलन
1979 मैं तुलसी तेरे आँगन की
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री
1986 मेरी जंग
हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। नूतन के सौन्दर्य को मिस इंडिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला थीं। नूतन ने 50 से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और उन्हे बहुत से अन्य पुरस्कारों के अलावा 6 बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला (जिसकी बराबरी उनकी भतीजी काजोल ने की है)।
नूतन का जन्म 04 जून 1936 को एक पढे-लिखे और सभ्रांत परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती शोभना समर्थ और पिता का नाम श्री कुमारसेन समर्थ था। नूतन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत1950 में की थी जब वह स्कूल में ही पढ़ती थीं।
11अक्टूबर 1959को नूतन ने लेफ़्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से विवाह कर लिया।नूतन के पुत्र मोहनीश बहल भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करते हैं। नूतन की बहन तनुजा और भतीजी काजोल भी हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में शामिल हैं। नूतन के अभिनय को हिन्दी फ़िल्म उद्दोग के सभी बडे नामों ने सराहा है और वह आज भी बहुत सी अदाकाराओं का आदर्श बनी हुई हैं।
नूतन का देहांत फरवरी 1991 को कर्क रोग के कारण हुआ।
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1950 हमारी बेटी
1951
नगीना
हम लॉग
1952
शीशम
पर्वत
1953
लैला मजनू
आघोष
मॉल्किन
1954 शबाब
1955 सीमा
1956 हीर
1957
बारिश
सशुल्क अतिथि
जिंदगी या तूफान
1958
चंदन
दिल्ली का ठग
कभी अँधेरा कभी उजाला
सोने की चिड़िया
आखिरी दाओ
लाइट हाउस
1959
अनाड़ी आरती
कन्हैया
सुजाता
1960
बसंत
छबीली
छलिया
मंज़िल
1962 सूरत और सीरत
1963
बंदिनी
दिल ही तो है
तेरे घर के सामने
1964 चांदी की दीवार
1965
खानदान
रिश्ते नाते
1966
छोटा भाई
दिल ने फिर याद किया
1967
दुल्हन एक रात की
लाट साहब
मिलन
मेहरबान
मेरा मुन्ना
1968
गौरी
सरस्वतीचंद्र
1969 भाई बहन
1970
माँ और ममता
देवी
महाराजा
यादगार
1971
डूबा हुआ जहाज़
ग्रहण
मंगेतर
1973 सौदागर
1975 जोगीदास खुमान
1976 ज़िद
1977
मंदिर मस्जिद
जागृति
दुनियादारी
पारध
1978
एक बाप छे बेटे
मै तुलसी तेरे आंगन की
साजन बिना सुहागन
हमारा संसार
1980
कस्तूरी
सांझ की बेला
1981 साजन की सहेली
1982
तेरी मांग सितारों से भर दूं कामिनी
जियो और जीने दो
1983 रिश्ता कागज़ का
1985
युद्ध
पैसा ये पैसा
मेरी जंग
ये कैसा फ़र्ज़
प्यारी भाभी
1986
सजना साथ निभाना
कर्मा
का नाम ले
रिकी
1987 हिफाज़त
1988 सोने पे सुहागा
1989
मुजरिम
कानून अपना अपना
गुरु
1990 औलाद की खातिर
1991 गराजना
1992
नसीबवाला
दीवाना आशिक
1994 इंसानियत
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